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18 Feb 2021 · 1 min read

खिला खिला मधुमास

नयी कोपलें आ गईं, ..लगे बिखरने पात ।
आया है जब से स्वयं, ऋतुपति ले बारात ।।

मन में जागी प्रेम की, …जिस भी दिन से प्यास ।
उस दिन से हर पल हुआ, एक सुखद मधुमास ।।

महबूबा ने प्यार की, ………पूरी कर दी आस ।
यह जीवन तब से लगे, खिला-खिला मधुमास ।।
रमेश शर्मा.

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