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13 Feb 2021 · 1 min read

मिट जायेगी सारी गम।

मिट जाएगी तेरी वह सारी गम। यहां पर तो हम खुशियां मनाने आए हैं। हर एक कली को महकाने आये हैं।जीवन से करता रहे सितम । मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। तूं खड़ा है खुशियां के ढेर पर । लेकिन हीरा निकाल रहा गड्डे को खोद कर।बस देखने का नजरिया बदल दे हर दम।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। क्यो कर रहा है चिन्ता तेरा क्या रखा हैं।बेमतलब की बातों में उलझाए रखा है।पता नहीं कुछ भी क्या है कर्म।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। क्या लेकर आया था और क्या लेकर जायेगा।खाली हाथ आया था और खाली हाथ ही जायेगा। अभी समय है क्यो कर रहा है सितम हां सितम।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम।।

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