Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Feb 2021 · 1 min read

सरस्वती वंदना

आप सभी शारद पुत्रों सहित समस्त देशवासियों को बसंत पंचमी की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं

??? प्रार्थना ????
*****†******************†*****
वागीश वीणावादिनी, सदबुद्धि प्रदायिनी।
चरणों में शरण दे, नमन स्वीकारिये।।
ज्ञानधन दीप्त कर, उर में आनंद भर।
नाश कर कुबुद्धि का, आज हमें तारिये।।

पाहन पाषाण हम, ज्ञानहीन खार हम।
मानस में ज्ञान भर, चित्त को निखारिये।।
ज्ञानहीन मानहीन, मंत्र तंत्र से विहीन।
बालक नीरीह मान, स्नेहाशीष वारिये।।

उत्तम विचार रहे, दिव्य व्यवहार रहे।
पुत्र हम तिहारे माँ, हमें न बिसारिये।।
विनती का ध्यान कर , उर में माँ ज्ञान भर।
सुबुद्धि प्रदान कर , भव से उतारिये।।

चरणों के दास हम, रहें न उदास हम।
भक्ति प्रदान कर माँ, जीवन सवारिये।।
बहु दुख दूर कर, अहंकार चूर कर।
जातरूप विमला माँ, हृदय विराजिए।।
——/—–स्वरचित, स्वप्रमाणित
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर) पश्चिमी चम्पारण, बिहार

Loading...