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18 Jan 2021 · 1 min read

बेबसी

यूँ तो,इश्क आसमां का भी, हुआ था जमीं से
‘इजहार ए मोहब्बत ‘किया, अश्कों की नमी से
पर समझ ना पाये,आज तलक भी बेबसी फलक की
और पड़ा नाम बरसात, इस बेदर्द जहाँ की कमी से

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