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18 Jan 2021 · 1 min read

कैद

क्यों हर किसी को,जमाने पर ऐतबार नहीं होता
इश्क तो इबादत है खुदा की,बार-बार नहीं होता
लगता है इस बेदर्द जहाँ ने, कैद कर लिया एक और मजलूम को ‘देव’
इसिलिए, अब हमें उनका, दीदार नहीं होता

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