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8 Jan 2021 · 1 min read

//*देश में प्रदूषण*//

हमने गलियां तो साफ कर दी
मगर दिलों में गंदगी भर दी
संदेश देकर स्वच्छता का
देश की आवोहवा प्रदूषित कर दी
वो हवा जिसमें बहती थी
भाईचारे की महक
त्यौहारों की चहक
शांती की लहक
वो हवा जिसमें बहती थी
धर्म की पवित्रता
बचपन की चंचलता
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अब वो बात कहां
अब दिलों में डर है
देश बनता जा रहा
दहशतगर्दों का घर है ।।
युवा बेरोजगार हैं
किसान परेशान हैं
शहीदों की संख्या बढ़ रही
रूपए की कीमत गिर रही
सरकारी उपक्रम बिक रहे
और प्राइवेट बंद हो रहे
नौकरियां निकल नहीं रही
फसल बिक नहीं रही
GDP निरंतर गिर रही ।।

और कितना लिखें
अब तो शब्द भी कम पड़ने लगे ।।

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