Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Jan 2021 · 1 min read

बना घमंडी कोहरा

चुरा लिया है देखिए ,कुहरे ने फिर घाम ।
भरी दुपहरी भी लगे, हमें ढरकती शाम ।।

बना घमंडी कोहरा, . घटा धूप का मान ।
पडे दिखाई आज फिर,सूरज भी बेजान ।।
रमेश शर्मा.

Loading...