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5 Jan 2021 · 1 min read

राम की प्रीत

जब से लगी राम संग प्रीत। मैं भूल गया संगीत। होने लगे सब काज कोई कठिन नहीं है आज। गूंगा गांव लगा है गीत। जब से लगी श्याम संग प्रीत। पंगु पंगु चढ़ा गिरवर ग्रहण। जासू कृपा सो दयाल दुश्मन हो गये मीत ।जब से लगी राम सग पीरीत ।बडे बडो का मिटा गरुर ।ऊपर से नीचे गिरे भये चकना. चूर।दास की हो गई जीत ।जब से लगी राम सग पीरीत।

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