Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
30 Dec 2020 · 1 min read

मैं वापिस चला

****मैं वापिस चला ******
**********************
मैं तो हूँ यहाँ से वापिस चला
जहाँ से आया मैं वापिस चला

तेरा इंतजार ताउम्र करता रहा
थक हार कर मैं वापिस चला

कीमत मेरी ना तुम जान सके
अमूल्य निधि सा वापिस चला

मंजिलों को नहीं मैं छू सका
राह में ही मुड़ मैं वापिस चला

दिल के राज न मैं खोल सका
हमराज बिना मैं वापिस चला

अकेला आया अकेला ही रहा
हमराही बिना ही वापिस चला

मनसीरत मन में दफना गया
राजदार ना मिला वपिस चला
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Loading...