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22 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

भाषा अपनी बोली भी मन में हो मस्तक पर हो,
न मोह अंग्रेजी से भी हो सभी का एक ही स्वर हो।
राजभाषा न ही केवल राष्ट्रभाषा भी बने जल्द,
हिंदी के साथ देश उन्नत यही बात अब घर घर हो।।

–अशोक छाबडा

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