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15 Dec 2020 · 1 min read

मन की सीमा न लांघूंगी

मन के जिसको सारे रक्त दिए
उसने ही मुझ को त्यक्त किए
अब किसी को मैं क्या बांधूगी
अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ?
~ सिद्धार्थ

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