Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Nov 2020 · 1 min read

दोहा मुक्तक

जाने कैसे हो गया, नर इतना बेशर्म।
मानवता को भूल के, जग में करे अधर्म।
करले मानव प्रेम से, सदाचार व्यवहार,
मानवता ही धर्म हो, मानवता ही कर्म।

Loading...