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11 Jun 2016 · 1 min read

अभी बाकी निशाँ तेरा

अभी बाक़ी निशां तेरा हमारे दिल पे है हमदम
बसी हो धड़कनों में तुम कि जैसे धूप में शबनम
अदावत लाख करलो तुम मगर तुमको ही चाहेंगे
तुझे चाहा तुझे पूजा भला क्यों रूठी हो जानम

– ‘अश्क़’

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