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25 Sep 2020 · 1 min read

लत

कल रात टीवी पर एक ज्ञानवर्धक डाॅक्यूमैंटरी देखी पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ पर थोड़े अंतराल पर यथार्थ देखकर आंखे फटी रह गयी।आज हर जगह मोबाइल फोन्स का वर्चस्व है पर अब लोग इसपर इतना समय बिताने के आदी हो चुके हैं कि इसका प्रयोग एक नशीली लत की तरह मानी जा रही है।पाश्चात्य देशों में लोग मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए निर्जन स्थानों पर सप्ताह,पखवाड़ा आदि बिताना पसंद करते हैं वास्तव में इसके प्रयोग से मंदबुद्धि,नेत्ररोग और आपसी संबंधों में बिखराब की स्थिति बनी रहती है गंदे विड़ियोज का बोलबाला रहता है साथ साथ हर समय इंटरनैट की घातक किरणों के स्वयं शिकार से अनेक रोगों के शिकार होते हैं किसी भी फालतू फोटों व विडियोज के भेजने का प्रचलन प्रायः रोज़मर्रा दिखता है पर बुद्धिजीवी वर्ग इसके अत्यधिक प्रयोग से कन्नी काटने लगे है।डाॅक्यूमैंटरी के अंत में ये संदेश कि लोग अभी इसकी उपेक्षा करते हैं किंतु जल्द ही घातक परिणाम सामने आ सकते हैं अत्यधिक महत्वपूर्ण लगा।चंचल बालकों का मोबाइल प्रयोग के प्रति झुकाव उनके परिवार जनों की ही देन होती हैं जो बाद में उसके लिए घातक सिद्ध होती है पर एक भोंडी सी हंसी देखकर वो अभी दूसरे को इग्नोर करते हैं••
मनोज शर्मा

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