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24 Sep 2020 · 1 min read

संबंध

संबंध और संबंधों का निर्वाह महज इतना कि संबंध दिखाई दे शायद इससे अधिक कुछ नहीं।किसी को याद तब ही किया जाता है जब ज़रूरत है एक अंतराल के बाद शायद किसी नयी ज़रूरत के अंदेशे पर ही।कोई भी या शायद एकाध ही ऐसे हो सकते हैं जो बिना किसी ज़रूरत के संबंध रखते हैं।ऐसी बेहयाई क्यों केवल संबंधों को ज़िन्दा रखने के लिए या इससे कहीं अधिक।प्रेम एक ज़रूरत है जिसे ढोहना पड़ता है दिखावामात्र के लिए या ज़रूरत पूर्ति भर के लिए।कितने ही दिन बीत जाते हैं कोई भी चेहरा ऐसा नहीं जिसकी छवि छिछली न हो।दो एक होते भी हैं तो उनके पास समय नहीं!समय नहीं या कुछ और कहा नहीं जा सकता..
मनोज शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 587 Views

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