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30 Jul 2020 · 1 min read

" मेरी सख्सियत "

मेरी सख्सियत भी कुछ मदिरे जैसी है,
एक बार नशा हो जाए तो लत लग जाती है |
अगर विपरीत प्रकृति हो तो,
नाम से ही आग लग जाती है |

– ज्योति

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