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29 Jul 2020 · 1 min read

जिस्म नहीं हो तुम........!!!!!!

मैं नहीं कोई आवारा बादल
जो तुझको छेड़ निकलूंगा कहीं,
जिस्मों के तो कशाई शोकिन
मेरी खोज तेरे रूह के आंचल से है।।।

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