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25 Jul 2020 · 1 min read

चाहतों की कस्ती

दिल तेरी चाहतों की यादों को,रो रो के झेला है
दिल कल भी अकेला था आज भी अकेला है
चाहतों की कस्ती में, नाम बस तुम्हारा है
आंसूओं की लहरे हैं, पलकों का किनारा है

संजय कुमार✍️✍️

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 460 Views

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