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21 Jul 2020 · 1 min read

"हमें तो नाज हे भारत के उन दुलारो पे "

हमें तो नाज हे भारत के उन दुलारो पे -2
वतन के कोम के इज्जत के पहरेदारों पे।
जिन्होंने देश को बक्शी नहीं जवानी थी -2
उन्होंने देश को दी अपनी जिंदगानी थी।
तिरंगा आज भी जिसके तराने गाता है,
पलकों को देख कर अब भी सर झुकता है।
हमें तो नाज हे भारत के उन दुलारो पे -2
वतन के कोम के इज्जत के पहरेदारों पे।
जो सोया करते थे फूलों की रोज सेजो पे -2
आज वो सो रहे है तीर और तलवारों पे।
हमें तो नाज हे भारत के उन दुलारो पे -2
वतन के कोम के इज्जत के पहरेदारों पे।
जिन्होंने देश को बक्शी नहीं जवानी थी -2
उन्होंने देश को दी अपनी जिंदगानी थी।
हमें तो नाज हे भारत के उन दुलारो पे -2
वतन के कोम के इज्जत के पहरेदारों पे।

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