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13 Jul 2020 · 1 min read

# कलंक तो नहीं......!!!!

अमिट स्याही से मिल जाती
दाग़ है कलंक का,
हजारों साबुन जिसके आगे
फीका है बदरंग सा।।

(हमारे बड़े बुजुर्ग कहा करते है हजारों स्याही के धब्बों को मिटाया जा सकता है लेकिन एक छोटी सी कलंक के धब्बे को मिटा पाना असम्भव है।)

बिमल रजक
(8002287431)

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