Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2020 · 1 min read

” खादी वस्त्र नही विचार है “

बचपन में जब भी खादी आश्रम जाती वहाँ लिखा पढ़ती ” खादी वस्त्र नही विचार है ” ये बात उस उम्र में सर के उपर से निकल जाती ! खादी जीवन में रची बसी थी उसके बावजूद ये बात समझ नही आ रही थी और किसी से पूछने में शान घट रही थी ! खैर जीवन अपनी रफ्तार में आगे बढ़ रहा था इसी बीच विवाह हुआ बेहद संभ्रांत एवं शिक्षित परिवार में , विवाह उपरांत मिलना जुलना चलता रहा सर्दियों का मौसम था इसलिए गरम कपडे़ और सिल्क पहन रही थी सबकुछ यथावत था !
गर्मियाँ शुरू हुई आदत के मुताबिक खादी का सलवार – कुर्ता , कड़क सूती दुपट्टा पहन कर खुद पर इतराती तैयार हुई और सोचा कि जैसे कालेज में इन कपड़ों की तारीफ होती थी यहाँ भी होगी , ये सोच ही रही थी कि पीछे से सासू माँ की आवाज आई ….ऐ लड़की ! ये क्या पहना है ? ” ये खादी है ” गर्व से बोली मैं…हाँ हाँ पता है कि ये खादी है पर हमारे यहाँ ये सब नही पहना जाता….ये सुनते ही बिना आवाज धड़ाम से गिरी मैं और गिरते ही समझ आ गया कि वाकई ” खादी वस्त्र नही विचार है ” ! इसको समझने के लिये किसी उम्र या शिक्षा की आवश्यकता नही होती !
आज भी उतने ही शान से खादी पहनती हूँ और अपने आप को क्या समझती हूँ इसको बता पाना जरा मुश्किल है !

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 08 – 05 – 2018 )

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 264 Views
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

सावन का मेला
सावन का मेला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्म का पाखंड
धर्म का पाखंड
पूर्वार्थ
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
सेवन स्टेजस..❤️❤️
सेवन स्टेजस..❤️❤️
शिवम "सहज"
ये दिल यादों का दलदल है
ये दिल यादों का दलदल है
Atul "Krishn"
बेमेल शादी!
बेमेल शादी!
कविता झा ‘गीत’
प्रजा शक्ति
प्रजा शक्ति
Shashi Mahajan
"ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, मेरी जान"
राकेश चौरसिया
ସେହି ଚୁମ୍ବନରୁ
ସେହି ଚୁମ୍ବନରୁ
Otteri Selvakumar
गर्भपात
गर्भपात
Bodhisatva kastooriya
3239.*पूर्णिका*
3239.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
1222   1222   1222   1222
1222 1222 1222 1222
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आवो करीब तुम यहाँ बैठों
आवो करीब तुम यहाँ बैठों
gurudeenverma198
प्रेम
प्रेम
Roopali Sharma
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
महबूब
महबूब
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
शीर्षक – मां
शीर्षक – मां
Sonam Puneet Dubey
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
श्राद्ध- पर्व पर  सपने में  आये  बाबूजी।
श्राद्ध- पर्व पर सपने में आये बाबूजी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
..
..
*प्रणय*
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कौन...? इक अनउत्तरित प्रश्न
कौन...? इक अनउत्तरित प्रश्न
पं अंजू पांडेय अश्रु
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
Shekhar Chandra Mitra
Loading...