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17 Jun 2020 · 1 min read

नंद नयन का तारा

ताटंक छंद – नंद नयन का तारा है
★★★★★★★★★★★
कोयल कूके जब अमुवा पर,
मन भौंरा इठलाता है।
तान बाँसुरी की मधुरिम सी,
कान्हा सरस् बजाता है।

श्याम रंग में डूबी श्यामल,
राधा क्यूँ अकुलाती है।
तड़प कभी तो कभी प्रीति की,
विरहन गीत सुनाती है।

गोकुल का गइया चरवाहा,
माखन जिसको प्यारा है।
मातु यशोदा का ललना है,
नंद नयन का तारा है।
~~~~~~~★★★★★~~~~
रचनाकार- डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

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