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16 Jun 2020 · 1 min read

मोगेम्बो खुश हुआ

ऐसे काव्यरस की सर्जना करूँ

बीते सालों के यौन-रसीले

सेक्स-बुखारे भी

कथावाचक,

संपादक,

और कानून के साहब,

साहित्यकार भी

उन्मत्त हाथी के मानिंद

एकसाथ चिंघाड़ उठे-

मोगेम्बो खुश हुआ !

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