Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
विनय कुशवाहा 'विश्वासी'
11 Followers
Follow
Report this post
1 May 2020 · 1 min read
मजदूर
हरदम रहें अभाव में,क्या पाएँ मजदूर।
दुख उनके मिटते नहीं,रहते हैं मजबूर।।५४।।
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 269 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता
VINOD CHAUHAN
बुरा वक्त आज नहीं तो कल कट जाएगा
Ranjeet kumar patre
ख्यालों में यूं ही खो जाते हैं
Shashi kala vyas
रतन टाटा
Satish Srijan
खर्च कितना करें
मधुसूदन गौतम
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
संदेश
लक्ष्मी सिंह
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
यादों की सफ़र"
Dipak Kumar "Girja"
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
आप इतना
Dr fauzia Naseem shad
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
Manisha Manjari
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
भगवान कल्कि का सम्बंध किस नदी से है?
गुमनाम 'बाबा'
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
सजदे में सर झुका तो
shabina. Naaz
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
Kumar Kalhans
जो पहले थी वो अब भी है...!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
हाँ मेरी जरुरत हो तुम।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गिरें क्या जरा सा!
manjula chauhan
हादसे इस क़दर हुए
हिमांशु Kulshrestha
तुम्हारा प्रेम
पूर्वार्थ
पिता जी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...