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28 Feb 2020 · 1 min read

फागुन के रंग

मनहरण घनाक्षरी –फागुन के रंग

फागुन के महीना में,
रंग की बहार देखो।
एक दूसरे पर जी,
रंग तो लगात हैं।

लाल पीला काला रंग,
कृष्ण डाले राधा अंग।
फाग गीत मस्त मन,
बँसी तो बजात हैं।

प्रेम रंग डूबे अंग,
मिले सब संग संग।
गोपियों के मधुबन,
मन तो मिलात हैं।

मन में उठी उमंग,
तन में उठी तरंग।
मिल सब संग संग,
प्रेम बरसात हैं।
~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. ‌8120587822

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