दोहे- मित्र ,निर्भया संग हुआ,बहुत बड़ा अन्याय।
मित्र ,निर्भया संग हुआ,बहुत बड़ा अन्याय ।
न्यायालय सर्वोच्च ने,आज कर दिया न्याय।
हाथ सुमरनी जाप कर, रोज करे पाखंड ।
ज्ञान ध्यान से छल करे, मिलती सजा प्रचंड।
अंबर बरसे झूम के, देखें झोलम झोल ।
नाली नाले भर गये,खुली व्यवस्था पोल।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,” प्रेम”
स्वरचित, मौलिक।