Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2020 · 2 min read

काला खून

काला खून
——–
शाम को रामलाल अपने साहब मुखर्जी से मिलने के लिए चला तो उसका दस साल का पुत्र रमेश भी उसके साथ चल दिया ।मना करने के बावजूद वह नहीं माना ।हारकर रामलाल ने कहा -ठीक है चलो।देखो, वहाँ कोई शैतानी न करना,चुपचाप बैठना।
रमेश ने हाँ में सिर हिलाया और अपने पिता के साथ चल दिया। जब वे दोनों पिता पुत्र मुखर्जी साहब के घर पहुँचे तो रमेश भौचक्का रह गया ।वहाँ रमेश ने देखा कि मुखर्जी साहब के ड्राइंग रूम में रंगीन टीवी चल रहा था,जिसे मुखर्जी साहब गोहाटी से खरीद कर लाए थे।उस टीवी में पिक्चर चल रही थी।रमेश चुपचाप सोफे के पास बैठकर पिक्चर देखने लगा ।थोड़ी देर बाद उसने देखा कि नायक और खलनायक के बीच में मारपीट होने लगी।उस मारपीट में खलनायक को काफी चोट लग गई और उसके मुँह से खून निकल आया।
खून देखकर रमेश के आश्चर्य की सीमा नहीं रही।खून बिल्कुल खून जैसा लाल था।यह बात उसके दिमाग में घर कर गई ।वह सोचने लगा कि मेरे टीवी में तो खून का रंग काला होता है पर मुखर्जी अंकल के टीवी में तो लाल दिख रहा है।अपने घर लौटते समय उसने अपने पिता जी से कहा-बाबू जी एक बात पूछूँ?
पिता जी ने कहा-पूछो बेटा,क्या पूछना चाहते हो?
रमेश ने कहा-बाबू जी अपने टीवी में खून का रंग काला क्यों दिखता है?
रामलाल को बात को समझने में देर न लगी।उन्होंने बच्चे के मासूम चेहरे को देखते हुए जवाब दिया -बेटा,जो लोग मेहनत मजदूरी करते हैं, खून जलाते हैं उनके टीवी में खून का रंग काला ही दिखता है। जो खून चूसते हैं उनके टीवी में खून का रंग लाल दिखता है।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
523 Views

You may also like these posts

साधारण असाधारण
साधारण असाधारण
Shashi Mahajan
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
बेजान जिंदगी में बेजान सा हमसफर
बेजान जिंदगी में बेजान सा हमसफर
goutam shaw
कविता -आओ संकल्प करें
कविता -आओ संकल्प करें
पूनम दीक्षित
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
Adhyatam
Adhyatam
Vipin Jain
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
Sahil Ahmad
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
Lokesh Sharma
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
संवेदनहीन
संवेदनहीन
Shweta Soni
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
मुक्ति
मुक्ति
Amrita Shukla
जतन
जतन
सोबन सिंह रावत
3349.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3349.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जीवन को खुशहाल बनाओ
जीवन को खुशहाल बनाओ
Dr Archana Gupta
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
इसके बारे में कैसा है?
इसके बारे में कैसा है?
Otteri Selvakumar
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
GM                    GM
GM GM
*प्रणय*
मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर... (ग़ज़ल)
मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर... (ग़ज़ल)
पियूष राज 'पारस'
3) बारिश और दास्ताँ
3) बारिश और दास्ताँ
नेहा शर्मा 'नेह'
चाय
चाय
Ahtesham Ahmad
💗 चाँद कहूं तो छुप जाओगे 💗
💗 चाँद कहूं तो छुप जाओगे 💗
Rituraj shivem verma
कट ले भव जल पाप
कट ले भव जल पाप
C S Santoshi
तुम जियो हजारों साल मेरी जान।
तुम जियो हजारों साल मेरी जान।
Rj Anand Prajapati
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
Loading...