Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2019 · 2 min read

सकारात्मक सोच

किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी; दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपडी में निवास करते थे,
शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपडी टूट गई है। यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है और बुदबुदाने लगता है ,”
भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है… में दिन भर तेरा नाम लेता हूँ , मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ फिर भी तूने मेरी झोपडी तोड़ दी… गाँव में चोर – लुटेरे झूठे लोगो के तो मकानों को कुछ नहीं हुआ , बिचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड़ दी ये तेरा ही काम है …हम तेरा नाम जपते हैं पर तू हमसे प्रेम नहीं करता….”
तभी दूसरा साधू आता है और झोपडी को देखकर खुश हो जाता है नाचने लगता है और कहता है भगवान् आज विश्वास हो गया तू हमसे कितना प्रेम करता है
ये हमारी आधी झोपडी तूने ही बचाई होगी वर्ना इतनी तेज आंधी – तूफ़ान में तो पूरी झोपडी ही उड़ जाती ये तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढंकने को जगह है…. निश्चित ही ये मेरी पूजा का फल है , कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा , मेरा तुझपर विश्वास अब और भी बढ़ गया है… तेरी जय हो !
एक ही घटना को एक ही जैसे दो लोगों ने कितने अलग-अलग ढंग से देखा! हमारी सोच हमारा भविष्य तय करती है
हमारी दुनिया तभी बदलेगी जब हमारी सोच बदलेगी। यदि हमारी सोच पहले वाले साधू की तरह होगी तो हमें हर चीज में कमी ही नजर आएगी और अगर दूसरे साधू की तरह होगी तो हमे हर चीज में अच्छाई दिखेगी ….
अतः हमें दूसरे साधू की तरह विकट से विकट परिस्थिति में भी अपनी सोच सकारात्मक बनाये रखनी चाहिए

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 593 Views

You may also like these posts

मैंने हर फूल को दामन में थामना चाहा ।
मैंने हर फूल को दामन में थामना चाहा ।
Phool gufran
एक इत्तफाक ही तो था
एक इत्तफाक ही तो था
हिमांशु Kulshrestha
मेरा इतिहास लिखोगे
मेरा इतिहास लिखोगे
Sudhir srivastava
Dawn of Renewed Horizons
Dawn of Renewed Horizons
Mahesh Ojha
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
शेखर सिंह
राजनीति
राजनीति
मनोज कर्ण
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
नहीं मरा है....
नहीं मरा है....
TAMANNA BILASPURI
चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
Jyoti Roshni
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*दिल का कद्रदान*
*दिल का कद्रदान*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
Chaahat
"ये ग़ज़ल"
Dr. Kishan tandon kranti
भीमराव निज बाबा थे
भीमराव निज बाबा थे
डिजेन्द्र कुर्रे
तेरी पुरानी तस्वीरें देखकर सांसें महक जातीं हैं
तेरी पुरानी तस्वीरें देखकर सांसें महक जातीं हैं
शिव प्रताप लोधी
अहं
अहं
Shyam Sundar Subramanian
संस्कार और शिक्षा
संस्कार और शिक्षा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*वो पगली*
*वो पगली*
Acharya Shilak Ram
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
तप सको तो चलो
तप सको तो चलो
Deepali Kalra
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
पराया हुआ मायका
पराया हुआ मायका
विक्रम कुमार
4675.*पूर्णिका*
4675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुभ
शुभ
*प्रणय*
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपनी मर्ज़ी के
अपनी मर्ज़ी के
Dr fauzia Naseem shad
काशी विश्वनाथ।
काशी विश्वनाथ।
Dr Archana Gupta
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
नारी शक्ति
नारी शक्ति
लक्ष्मी सिंह
Loading...