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6 Dec 2019 · 1 min read

केहत कहते रह गए

छाता , दिमाग जब खुले तभी हो सब काम
बंद हुए तो बोझ लागे , कह गए तुलसी राम
केहत केेहत वो रह गए हुआ ना कुछ काम
अन्तिम घड़ी आई तब केहत , दाता अल्लाह राम ।।

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