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26 Nov 2019 · 2 min read

राजनीति

राजनीति
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भारतीय राजनीति को मजाक बना कर रख डाला है ! जिन विधायकों को जनता की सेवा करने के लिए संविधान की शपथ लेकर संसद और विधानसभा में कार्य करना होता है आज वे अपने राजनीतिक आकाओं के नाम की शपथ लेकर कौन सा नया इतिहास रच रहे हैं ये तो उनकी अंतरात्मा ही जाने !
आज शिव सैनिक बाला साहब ठाकरे के नाम की जगह राजनीतिक धुर विरोधी सोनिया और शरद पवार की कसम खाने को क्यों मजबूर हैं यह देश की जनता देख रही है.
सोनिया के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ने वाले शरद पवार सोनिया के नाम की कसमें खा रहे हैं .
ज़मीर नाम की कोई चीज़ मुझे नहीं लगता कि कहीं बची है आज के इन नेताओं में !
सुप्रिया सुले जन्मों के दुश्मन उद्धव और कांग्रेसियों से मुस्कुरा हाथ मिला रही हैं !
बरसों एक दूसरे को पानी पी पी कर कोसते हुए चुनाव जीतने वाले तीनों दल जिस लालच में साथ आए हैं वह किसी से छिपा नहीं है !
भेड़ बकरियों की तरह बसों में हांककर लाए गए विधायक जब अपनी गिनती करवा रहे थे तब आज संविधान दिवस के दिन संविधान हयात रीजैंसी के ही एक कोने में खड़ा जनता द्वारा चुने गए सम्मानित विधायकों के हाल, नीयत और ज़मीर पर ज़ार-ज़ार आंसू बहा रहा था !
ऊपर से कपिल सिब्बल शिव सेना के वकील और अभिषेक मनु सिंघवी एनसीपी की पैरवी करने कब में को उतर गए , पता ही नहीं चला !
न जाने क्यों अब मन नहीं है कि किसी भी पार्टी के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार साझा करूं !
जब वे लोग आपस में विरोधी होकर भी आज दोस्त बन चुके हैं तो क्या पता कल अमित शाह जी भी खुद ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनवा दें !
क्योंकि सत्ता जो न कराए , सो कम !
चलो छोड़ो…. बस यूं ही , आज संविधान दिवस है , सोचा उसकी शुभकामनाएं ही दे दूं !
-सुजाता

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