Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Oct 2019 · 1 min read

दोहे- जनता मालिक है मगर...

दोहे- जनता मालिक है मगर…
■■□■■□■■□■■□■■
नेताओं की बात पर, मत करना मतभेद।
लोकतंत्र की नाव में, ये करते हैं छेद।।

कुछ नेता गूंगे यहाँ, कुछ इतने वाचाल।
एवरेस्ट के शीर्ष को, कहते हैं पाताल।।

सेवक देखो देश के, रहते मालामाल।
जनता मालिक है मगर, नौकर सा है हाल।।

जनता जब बीमार हो, काटे हाय कलेश।
सर्दी भी होती अगर, नेता चले विदेश।।

नेता चाँदी काटते, हैं मस्ती में आज।
इनकी मस्ती में दबी, जनता की आवाज।।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 15/10/2019

Loading...