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1 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
मैंने तो कुछ भी वैसा नही कहा था ,

बस फासले को तुमने ही तो पसंद किया

हमने तो बस दिल की अपनी कही थी

तुमने कान ही तो अपना बंद किया !

…सिद्धार्थ
२.
रूहों को फुरसत कहाँ, वो बिधवा या सधवा बने
वो तो बस प्रेम में होतीं हैं…और प्रेम तो…
…सिद्धार्थ

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