Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
30 Aug 2019 · 1 min read

तीज का त्यौहार आया।

– मनमनोरम छंद
मापनी-2122 2122

तीज का त्यौहार आया।
सोलहों श्रृंगार लाया।
बूँद में मलहार आया।
प्रीत की बौछार लाया।

आयु लंबी हो पिया की।
रंग हाथों में हिना की।
नाम जिसमें है पिया का
पर्व है हरितालिका का।

झूलते झूला सखी सब।
गीत गाते हैं सभी तब।
झूमते सब नाचते हैं।
प्रीत भर कर बाँचते हैं।

बाजते हैं पाँव पायल। ।
बादलों-सा आँख काजल।
पाँव में बिछुआ महावर।
भाल पर बिन्दी लगा कर।

माँग में सिन्दूर लाली।
शोभता है कान बाली।
झूमता है माँग टीका।
आज होगा चाँद फीका।

लाल चूड़ी लाल कंगन।
आज तो सजती सुहागन।
लाल जोड़े में लजाती।
रूप दुल्हन-सी सजाती।

हो रहा शिव गौर पूजन।
साथ में पूजे गजानन।
चंग बजते ढोल आंगन।
माँगती है वर सुहागन।

ये दिवस कुछ खास होता।
निर्जला उपवास होता।
प्रेम का अहसास होता।
आस्था विस्वास होता।

माँ सफल यह साधना हो।
पूर्ण सारी कामना हो।
मात ये आशीष देना।
माँ अमर सौभाग्य देना।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Loading...