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23 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
बिन मोहन राधा भी तो
पुर्दिल बस आधा आधा है !
…सिद्धार्थ
२.
‘माधव’ धरु बांह तुम्हरी की तुम…
सखियाँ के लाने नाही रहे एहि जुग में विस्वासा
माधव तुम पाथर हम तुमसे भये परिणाम निराशा,..
…सिद्धार्थ

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