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23 Aug 2019 · 1 min read

कान्हा

चले आओ मेरे कान्हा
तुम्हें धड़कन बुलाती है,
तुम्हारी मोहिनी सूरत
हमारे दिल को भाती है…,

तुम्हारे केश घुंघराले
चपल चितवन नयन काले
जिधर कर दो नज़र कान्हा
उधर हों चाहने वाले,

दरश पाकर तुम्हारा
ज़िंदगी हर गम भुलाती है,
तुम्हारी मोहिनी सूरत
हमारे दिल को भाती है….,

जिसे संसार ठुकराये
तुम्हारे दर वो आता है ,
अगर हर आस टूटे तो
यहीं पर सर झुकाता है,

तेरी करुणा मेरे मालिक
नयी आशा जगाती है,
तुम्हारी मोहिनी सूरत
हमारे दिल को भाती है…,

नहीं है पास मेरे साँवरे
माखन भरे मटके ,
तेरी सूरत निरखने को
जमाने में बहुत भटके,

तुम्हारे बाँसुरी की धुन मुझे
पल -पल लुभाती है,
तुम्हारी मोहिनी सूरत
हमारे दिल को भाती है….. 2

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