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10 Aug 2019 · 1 min read

सरस्वती वंदना

तू भूल मेरी कर क्षमा खुशियों भरा संसार दे
माँ शारदे माँ शारदे, नादान हूँ पर प्यार दे

मैं राह सच्ची पर चलूँ देना सदा ये ज्ञान माँ
इंसान बस कहला सकूँ देना यही पहचान माँ
माँ शारदे माँ शारदे सद्भाव का व्यवहार दे
माँ शारदे माँ शारदे, नादान हूँ पर प्यार दे

सोये हुए जो लोग हैं नवचेतना उनमें भरे
जो काम हो हथियार से वो काम शब्दों से करे
माँ शारदे माँ शारदे मेरी कलम को धार दे
माँ शारदे माँ शारदे, नादान हूँ पर प्यार दे

मैं हौसलों के पर लगा ऊँची उड़ाने भर सकूँ
अभिमान से रह दूर जग में नाम अपना कर सकूँ
माँ शारदे माँ शारदे अब स्वप्न को आकार दे
माँ शारदे माँ शारदे, नादान हूँ पर प्यार दे

१-२-२०१७
डॉ अर्चना गुप्ता

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