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3 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
लिख-लिख कर सफ़हे से मिटाया जा रहा है,
कुछ तो एहसास बचा है जिसे छुपाया जा रहा है !
…सिद्धार्थ
***
२.
बस एक आश लिए बैठी हूँ
काश तुम कुछ बोल जाते
…सिद्धार्थ

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