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21 May 2019 · 1 min read

सफ़र प्यार के गर भाते हैं

फूल खिलते हैं मगर एक दिन मुर्झाते हैं।
लोग मिलते हैं मगर एक दिन खो जाते हैं।।
मीटर-2122-2122-1222-22

याद आती हैं खिली प्यार की बातें उनकी।
खूब रूलाती मिली वो सुबह-रातें उनकी।
हाथ मलते हैं ज़िगर एक दिन छल जाते हैं।
लोग मिलते हैं मगर एक दिन खो जाते हैं।।

ज़िंदगी देती यहाँ प्यार भी धोखा भी है।
धूल बनती है हवा का बने झौंका भी है।
बदलते पल हैं मगर भूल ये हम जाते हैं।
लोग मिलते हैं मगर एक दिन खो जाते हैं।।

रूप माया है हमें जीत छलता चलता है।
चाँद जैसे रात हर बदलता ही रहता है।
मौज करले तू सफ़र प्यार के गर भाते हैं।
लोग मिलते हैं मगर एक दिन खो जाते हैं।।

फूल खिलते हैं मगर एक दिन मुर्झाते हैं।
लोग मिलते हैं मगर एक दिन खो जाते हैं।।

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