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4 May 2019 · 3 min read

मां की ममता

मां आज स्कूल नहीं जाऊंगा, मेरे सभी दोस्तों ने आज क्रिकेट खेलने का प्लान बनाया है। बबलू ने दरवाजे के पीछे से बैट निकलते हुए बोला और बाहर जाने लगा। मां ने कहा – बाबू गलत बात, स्कूल तो जाना पड़ेगा, अगर पापा को पता चला तो वो पिटाई लगाएंगे और साथ में मुझे भी डांटेंगे। जल्दी से खाना खाओ और स्कूल जाओ। बबलू यह बोलते हुए भाग गया कि – नहीं न मम्मा आज खेलना है। मै जा रहा हूं और आने के बाद खाऊंगा। आप पापा को मत बताना।
मां ने चिल्ला कर बोला जल्दी आ जाना आज पापा की ऑफिस हाफ टाइम ही है। पर बबलू तो जा चुका था उसे कहां सुनाई दिया आज पूरा खेलने के ही मूड में जो था।
सारे बच्चे खेलने मैदान में पहुंच गए और खेल स्टार्ट हुआ, खेलते खेलते राहुल और बबलू में बहस होने लगी और राहुल ने बबलू को एक चांटा मारा। इसके बाद फिर क्या था बबलू ने राहुल को बहुत पीटा और उसकी शर्ट फ़ाड़ दी। राहुल रोने लगा और घर चला गया।
राहुल की मम्मी उसे लेकर बबलू के घर पहुंची तब तक बबलू के पापा आ चुके थे। शर्मा जी, ओ शर्मा जी जरा अपने बच्चे को संभालो। बहुत बदमाश हो गया है – लगभग चिल्लाते हुए राहुल की मम्मी ने कहा। शर्मा जी बोले – क्या हुआ बहन जी?
वो बोली- क्या हुआ ? देखो बेटे की क्या हालत कर दी है तुम्हारे बेटे ने। उनके गुस्से को देखते हुए किसी तरह समझा कर बबलू के पापा ने घर भेज दिया। और अपनी पत्नी पर बरस पड़े, तुम्हारे एक्स्ट्रा प्यार का नतीजा है ये। और ये बताओ उसकी स्कूल थी आज फिर वो क्यों नहीं गया? वो बोली- मेरी सुनता कहां है? बोला था की स्कूल जाओ। आज आने दो ऐसा पिटाई लगाऊंगी की समझ में आ जाएगा उसे।
इधर बबलू को पता था कि आज शिकायत पहुंच चुकी है और अगर पापा आ गए तो पिटाई तो होगी ही। इसलिए वो दिन भर दोस्तो के घर पर रहा ओर शाम को घर पहुंचा। शर्मा जी उसका ही इंतजार कर रहे थे। बोले – बबलू come। क्यो लड़ाई की ?तेरी वजह से क्या क्या सुनना पड़ता है। और पीटने लगे, वो चिल्लाकर मम्मी को बुलाया – मम्मा बचाओ। मम्मी आयी गुस्से में और कहा – बहुत हो गया बबलू। मैंने बोला था स्कूल जाओ फिर क्यों नहीं गया? अब मै कुछ नहीं कह सकती।
इस तरह मां से बेरुखी सुनकर वो चुप चाप पीटने लगा और जब पिटाई बंद हुई तो भागकर रूम में चला गया ।
अचानक मां को याद आया उसने खाना तो खाया नहीं है। वो बबलू के कमरे में गई तो वो अभी तक सिसकी ले रहा था और बेड पर लेट कर रोए जा रहा था। बाबू खाना खा लो – मां ने बोला
मै नहीं खाऊंगा आपने नहीं बचाया न पीटने से – सुबकते हुए उसने बोला। मां ने कहा – तू झगड़ा ही क्यों करता है, मैंने नहीं मारा न, पापा से मत बोलियों। मेरी बात तो सुन, खाना खा ले।
मै आज खाऊंगा ही नहीं। सब मेरी ही गलती निकलते हैं। सब से पूछो !झगड़ा पहले उसने शुरू किया था। सिसकते हुए बोला।
अब मां को भी रोना आने लगा क्यों कि आज शर्माजी ने ज्यादा ही पिटाई लगा दी थी। वो बेटे को गोद में लेकर समझाने लगी और साथ में रोने भी लगी। मम्मी को रोता देख बबलू चुप कराने लगा – मम्मा अब लड़ाई नहीं करूंगा, स्कूल भी रोज जाऊंगा आप मत रोइए।
फिर मा ने खाना लाया और अपने हाथो से खिलाने लगी। आंसू दोनों के आंख से अभी भी निकाल रहे थे और दोनों एक दूसरे की आंसू पोछ रहे थे।

………. समाप्त……..
हर मां के लिए अपना बेटा हीरा होता है।
……राणा…..

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