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23 Apr 2019 · 1 min read

कितनी देर लगती है।

एक पल में लोग बदल जाते हैं,
” आप ” से ” तुम ” फिर ” तुम कौन ” तक चले जाते हैं,
वक्त चलता है अपने हिसाब से,
कितनी देर लगती है वक्त बदलने में!
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बुरा दौर है मेरा कर लो ठिठोली मूझपर,
समय का मारा हूं दिमाग का नहीं,
आऊंगा तो झूम के फिजा में,
कितनी देर लगती है दौर बदलने में!!!

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