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7 Feb 2019 · 1 min read

थम जाती जब सांस

तज देते सब मोह को,थम जाती जब सांस ।
तीख़ा देते घाव वो , जो हों दिल के पास ।।
जो हों दिल के पास , लोग वो बड़ा सताते ।
ना जाने दिन रात , याद वो हरदम आते ।।
कहते श्री कविराय , सांस जब तक हैं लेते।
होता तब तक लाड़ , बाद में सब तज देते ।।

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