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27 Jan 2019 · 1 min read

एक दृष्टि

आओ मन की दीये जलाते
धूप – बती का पैसा बचाते
उन पैसों का महल बनाके
बेघरों को घर दिलाते
उसके घरों में खुशियां लाते,

क्योंकि जिस नर में नरत्व है
उस घर मे हीं देवत्व है
और यही बन्धुत्व है ।

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