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27 Oct 2018 · 1 min read

करवांचौथ पर कुण्डलिया--आर के रस्तोगी

कैसे बीबी बाबरी,छत पर देखे चाँद
अपना चाँद छोडकर,देखे दूजा चाँद
देखे दूजा चाँद उसको कैसे समझाये
सोचे सभी उपाय,कोई अक्ल में न आये
कह रस्तोगी कविराय,छत पर चढ़ जाओ
उसको अपनी सर की घुटी चाँद दिखाओ

करवांचौथ का व्रत,नहीं मात्र एक उपवास
पति पत्नि प्रेम का यह बात है एक खास
यह बात है एक खास,पत्नियाँ भूखी रहकर
पति की लम्बी उम्र मांगती हर दुःख सहकर
कह रस्तोगी कवि करो पत्नि का सम्मान
वह घर की लक्ष्मी है रहेगी सदा विधमान

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