pita
समय रहते पिता की बात जो मान जाते हैं
वही शख्स जीवन की हर मंजिल को पाते है
भटक जाते जो सोचकर मुझसा नहीं कोई
वो अक्सर राह में जाकर भी राहें भूल जाते हैं
समय रहते पिता की बात जो मान जाते हैं
वही शख्स जीवन की हर मंजिल को पाते है
भटक जाते जो सोचकर मुझसा नहीं कोई
वो अक्सर राह में जाकर भी राहें भूल जाते हैं