Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2021 · 1 min read

Patjhad

تمہیں ہے پیار تو اظہار کر گئے ہوتے۔
تمہارے پیار میں ہم بھی سنور گئے ہوتے۔
💗
ہمارے گاؤں کے پردیسی خیر لوٹ آئے۔
وبا سے پہلے ہی ورنہ وہ مر گئے ہوتے ۔
💖
چراغِ عشق جلایا تھا کبھی دونوں نے۔
ساتھ جو تم نے دیا ہوتا گھر گئے ہوتے ۔
💗
تمہارا پیار نوازش ہے کہ ملا مجھ کو ۔
ستارے ناز گر آنچل میں بھر گئے ہوتے۔
💖
موسم حجر بتاتے ہیں آج یہ پتجھڑ۔
بہار لوٹ کے آتا سدھر گئے ہوتے۔
💗
سبھی سوال اٹھاتے ہماری چاہت پر۔
قسم وفا کی جو کھا کر مکر گئے ہوتے۔
💖
تمہارا پیار بھی نفرت میں گر نظر آتا ۔
میری نگاہ سے کب کے اتر گئے ہوتے۔
💗
صغیر سانس بھی ہے اس کی منتظر اب تو۔
جو اس کی یاد نہ آتی تو مر گئے ہوتے۔
💖
ڈاکٹر صغیر احمد صدیقی خیرا بازار بہرائچ یو پی انڈیا

Language: Urdu
Tag: غزل
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ଜାମ୍ୱାଇ
ଜାମ୍ୱାଇ
Otteri Selvakumar
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
Saraswati Bajpai
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम
प्रेम
Pushpa Tiwari
दोहा- छवि
दोहा- छवि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
शु
शु
*प्रणय*
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*लंक-लचीली लोभती रहे*
*लंक-लचीली लोभती रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
मजदूर की मजबूरियाँ ,
मजदूर की मजबूरियाँ ,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
कवि दीपक बवेजा
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
gurudeenverma198
गंगा नदी
गंगा नदी
surenderpal vaidya
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
पूर्वार्थ
Loading...