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Bahut khoob बेटी अपनी नायाब बनाओ । फूल नहीं अंगार बनाओ ।। देख के जिसको दुर्जनः काँपे । ऐसी दोधारी तलवार बनाओ ।।
सादर आभार आदरणीय जी ।
Bahut khoob बेटी अपनी नायाब बनाओ ।
फूल नहीं अंगार बनाओ ।।
देख के जिसको दुर्जनः काँपे ।
ऐसी दोधारी तलवार बनाओ ।।
सादर आभार आदरणीय जी ।