Comments (15)
27 Jul 2016 07:56 PM
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्
प्रकृति का अनुपम चित्र अंकित किया है आपने
बहुत खूब
Dr Archana Gupta
Author
16 Aug 2016 12:26 PM
बहुत2 शुक्रिया
27 Jul 2016 01:52 PM
बहुत ही मनोहरी सुंदर रचना
Dr Archana Gupta
Author
16 Aug 2016 12:26 PM
बहुत2 शुक्रिया
26 Jul 2016 11:58 PM
बहुत खूब।
है विरह में कोई रो रहा
भावनात्मक ऊम्दा रचना।
26 Jul 2016 02:29 PM
वाह-वाह ! लाजवाब !!!
Dr Archana Gupta
Author
27 Jul 2016 03:22 PM
हार्दिक आभार आपका
26 Jul 2016 01:45 PM
क्या बात क्या बात बहुत सुन्दर
Dr Archana Gupta
Author
26 Jul 2016 06:51 PM
हार्दिक आभार आपका
26 Jul 2016 01:19 PM
बादलों में कड़कती हुई
चाँदी जैसी चमकती हुई
शोर बिजली करे जोर से
शाम लगता मिली भोर से……….वाह ! सुंदर गीत हुआ है. बहुत बधाई.
Dr Archana Gupta
Author
26 Jul 2016 06:33 PM
हार्दिक आभार आपका।
26 Jul 2016 12:24 PM
सुन्दर सृजन, हर शब्द रचना का मन को छुता हुआ, बधाई अच्छे सृजन के लिए अर्चना जी
Dr Archana Gupta
Author
26 Jul 2016 06:33 PM
हार्दिक आभार आपका
बहुत ही बढ़िया जी
बस लिखते जाइये
लिखाते जाइये
यूँ ही जिंदगी को
खुशनुमा बनाते जाइये
बहुत2 शुक्रिया