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Comments (15)

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16 Aug 2016 09:19 PM

बहुत ही बढ़िया जी

बस लिखते जाइये
लिखाते जाइये
यूँ ही जिंदगी को
खुशनुमा बनाते जाइये

16 Aug 2016 10:11 PM

बहुत2 शुक्रिया

27 Jul 2016 07:56 PM

वाह्ह्ह्ह्ह्ह्
प्रकृति का अनुपम चित्र अंकित किया है आपने
बहुत खूब

16 Aug 2016 12:26 PM

बहुत2 शुक्रिया

बहुत ही मनोहरी सुंदर रचना

16 Aug 2016 12:26 PM

बहुत2 शुक्रिया

26 Jul 2016 11:58 PM

बहुत खूब।
है विरह में कोई रो रहा
भावनात्मक ऊम्दा रचना।

वाह-वाह ! लाजवाब !!!

27 Jul 2016 03:22 PM

हार्दिक आभार आपका

क्‍या बात क्‍या बात बहुत सुन्‍दर

26 Jul 2016 06:51 PM

हार्दिक आभार आपका

26 Jul 2016 01:19 PM

बादलों में कड़कती हुई
चाँदी जैसी चमकती हुई
शोर बिजली करे जोर से
शाम लगता मिली भोर से……….वाह ! सुंदर गीत हुआ है. बहुत बधाई.

26 Jul 2016 06:33 PM

हार्दिक आभार आपका।

26 Jul 2016 12:24 PM

सुन्दर सृजन, हर शब्द रचना का मन को छुता हुआ, बधाई अच्छे सृजन के लिए अर्चना जी

26 Jul 2016 06:33 PM

हार्दिक आभार आपका

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