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27 Jan 2025 07:04 AM

मैंने आपकी इस कहानी को पढी। मुझे कहानी बहुत बढ़िया लगी। वास्तव में विश्वास में ही विश्वास घात होता है। लेकिन एक यह भी पेहलू है कि विश्वास करने पर ही धोख़ाधडी में संलिप्त लोगों की पहचान होती है।
सादर।

27 Jan 2025 11:25 PM

आपकी प्रतिक्रिया का सादर आभार!🙏
दरअसल कहानी के माध्यम से पाठकों को एक संदेश देने का प्रयास है , कि विश्वास करने की सीमा में सतर्कता का समावेश होना आवश्यक है , जिससे असंभावित धोखे से बचा जा सके। धोखा हो जाने की परिस्थिति में भी विवेकपूर्ण कदम उठाने पर दोषी तत्वों के विरुद्ध समय रहते कार्रवाई की जा सकती है।
धन्यवाद !

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