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कर्ण साहब आपको बहुत बहुत बधाई, इस अतुलनीय साहसिक कार्य के लिए। “अंतस वितान” बहुत ही सुंदर शीर्षक है। शायद इसका अर्थ अपने मन का विस्तार है। आपकी रचनाएं कमाल की होती हैं मैं अक्सर पढ़ता रहता हूँ, आप की सफलता समाज के लिए भी जरूरी है…!!

आपकी पदुन्नति के लिए आपको शुभकामनाएं…..💐

आपकी आयु 59 है, यह सुनकर आश्चर्य है कि फ़ोटो में नहीं लगता, आपने अपनी उम्र को बांध दिया है जिस प्रकार रावण ने शनि को अपने पलंग से बांध लिया था।

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