Super…
लाजवाब
विश्व भाषा बन सकें। सादर…
हार्दिक धन्यवाद…आदरणीय श्री💐
बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि शायद ऐसी ही जटिलता के कारण हिन्दी अन्तर्राष्ट्रीय भाषा नहीं बन पाई और अपने घर में ही उपेक्षित रह गई है।
कामकाजी होना और प्रमाणिक होना अलग-अलग बातें हैं। यदि शुद्ध रूप लें तो आपके द्वारा लिखे गए निम्नलिखित शब्द शुद्ध रूप में इसप्रकार लिखे जाएंगे- उंगलियाँ, आँखें।
कृपया इसे अन्यथा मत लीजिएगा। हम परस्पर सपोर्ट करें, जिससे हिन्दी विस्तारित होकर विश्व भाषा सकें। सादर…
विद्वत्वर बंधु,
‘हर उठती उंगलियां’ और ‘हर मटकती आंखें’ पर दृष्टिपात प्रार्थित है।
निवेदन है कि ‘हर’ का प्रयोग एक वचन संज्ञा के पूर्व होता है, बहु वचन संज्ञा के पूर्व नहीं।
बहु वचन संज्ञा के पूर्व ‘सब’ प्रयोग करना चाहिए।
विश्वास है कि सुझाव को अन्यथा नहीं लेंगे और ‘हर’ की जगह ‘सब’ लिखकर काव्य-दोष का निवारण करेंगे। सादर….
Wow,, Super,, Salute